खेल डेस्क: Wrestling Federation of India (WFI): भारतीय कुश्ती महासंघ को लेकर शुरू हुआ विवाद फिलहाल थमने का नमा नहीं ले रहा है। इन दिनों खेल जगत में आए दिन एक नई सुर्खियां सामने आ रही हैं। कुछ समय से कुश्ती महासंघ के चुनाव को लेकर विवाद जारी है और खिलाड़ी लगातार अपने अपने ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं।
Vinesh Phogat: साक्षी के रिटायरमेंट लेने की घोषणा के बाद एक बड़ा फैसला
बीते दिनों भारतीय कुश्ती के दो दिग्गज खिलाड़ी ने अपने निर्णय की वजह से चर्चा का विषय बन गए थे। बता दें कि पहलवान साक्षी मलिक ने अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है। भारतीय कुश्ती संघ को हिला देने के बाद, अब महिला पहलवान विनेश फोगाट ने एक बड़ा निर्णय लिया है। बजरंग पूनिया के बाद, अब विनेश फोगाट ने अपना दो विशेष पुरस्कार वापस लौटने का ऐलान किया है। विनेश फोगाट ने अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस लेने का फैसला किया है।
Vinesh Phogat ने पीएम को क्या लिखा पत्र?
साक्षी मलिक के संन्यास के बाद, विनेश ने खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस लेने का फैसला किया है। इस सारे मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी को एक खत लिखकर विनेश ने यह निर्णय सार्वजनिक किया है। पत्र में विनेश ने लिखा, ‘मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूं। इस हालत में पहुंचाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।’ विनेश ने पत्र में 2016 में साक्षी मलिक के ओलंपिक पदक जीतने की भी चर्चा की है। और याद किया है कि कैसे साक्षी मलिक को सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का ब्रांड एंबेसडर बनाया था और आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी तो उन्हें साल 2016 की घटना याद आ रही है।
क्या सरकारी विज्ञापनों के लिए हैं महिला खिलाड़ी?
इसके साथ ही Vinesh Phogat ने पीएम से पूछा कि क्या महिला खिलाड़ियों को सिर्फ सरकारी विज्ञापनों के लिए ही बनाया गया है? उन्होंने पत्र में आगे लिखा है की हमें उन विज्ञापनों पर छपने में कोई एतराज़ नहीं है, क्योंकि उसमें लिखे नारे से ऐसा लगता है कि आपकी सरकार बेटियों के उत्थान के लिए गंभीर होकर काम करना चाहती है। मैंने ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था, लेकिन अब यह सपना भी धुंधला पड़ता जा रहा है। बस यही दुआ करूंगी कि आने वाली महिला खिलाड़ियों का यह सपना ज़रूर पूरा हो। पर हमारी ज़िन्दगियाँ उन फैंसी विज्ञापनों जैसी बिलकुल नहीं है।
सिर्फ 5 मिनट के लिए बयान सुनने का किया आग्रह
Vinesh Phogat ने अपने पत्र में कहा कि आप अपनी जिंदगी के सिर्फ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए, आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या क्या किया है। उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है, महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर कबूली है। हम महिला खिलाड़ियों को जलील करने का एक मौक़ा भी नहीं छोड़ा है। उससे ज़्यादा गंभीर यह है कि उसने कितनी ही महिला पहलवानों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है। यह बहुत भयावह है।
खिलाड़ियों को कहा गया है देशद्रोही
पत्र में Vinesh Phogat ने आगे लिखा है- सर, हमारे मेडलों और अवार्डों को 15 रुपए का बताया जा रहा है, लेकिन ये मेडल हमें हमारी जान से भी प्यारे हैं। जब हमने देश के लिए ये मेडल जीते तो सारे देश ने हमें अपना गौरव बताया। अब जब अपने न्याय के लिए आवाज़ उठायी तो हमें देशद्रोही बताया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी, मैं आपसे पूछना चाहती हूँ कि क्या हम देशद्रोही हैं?
कब और कैसे मिले थे अवॉर्ड?
Vinesh Phogat को साल 2016 में अर्जुन अवॉर्ड मिला था, जिसके बाद साल। 2020 में उन्हें मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। अवॉर्ड लेने के समय विनेश
व्हीलचेयर पर सम्मान ग्रहण करने पहुंची थीं चोटिल Vinesh Phogat
Vinesh Phogat, जो गीता और बबीता फोगाट की चचेरी बहन हैं, ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। 29 साल की विनेश ने एशियन चैंपियनशिप में एक गोल्ड और एक ब्रॉन्ज जीता है, और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी तीन गोल्ड मेडल भारत को दिलाए हैं।
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