Bihar Jharkhand Weather : होली से ठीक पहले झारखंड में मौसम का मिजाज बदल गया है। मौसम विभाग ने इसको लेकर ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है। इसके साथ ही कई जिले के लोगों को बारिश के दौरान सतर्क रहने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने बताया कि 20 मार्च तक हल्की बारिश होने की संभावना है, जबकि 21 मार्च को हल्के दर्जें की वर्षा हो सकती है। अलर्ट में यह बताया गया है कि झारखंड के दक्षिणी, मध्य और उत्तरी हिस्से में वर्षा के साथ तेज हवा भी चलेगी।
तेज आंधी के साथ बारिश और वज्रपात की चेतावनी (Bihar Jharkhand Weather)
मौसम विभाग की ओर से पूरे झारखंड में बारिश के साथ तेज आंधी और गर्जन के अलावा वज्रपात की भी चेतावनी दी जारी की गई है। सिमडेगा, रांची, पश्चिम सिंहभूम और लातेहार के आसपास में ओलावृष्टि की संभावना है। इस दौरान 50 से 60 किलोमीटर की स्पीड से तेज हवा भी चल सकती है। 21 मार्च से बारिश का असर कम हो जाएगा। 22 और 23 मार्च को मौसम साफ रहने का अनुमान है।
यहां कई जिलों में बारिश के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। सूबे में 21 मार्च तक बारिश की संभावना जताई गई है। मंगलवार को राजधानी रांची समेत कई जिलों में भारी बारिश, वज्रपात व ओलावृष्टि हुई। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि 22 से 24 मार्च तक मौसम मुख्यत: साफ और शुष्क नजर आएगा।
खूंटी में सबसे अधिक 40 मिलीमीटर बारिश
राज्य में पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक 40 मिलीमीटर बारिश खूंटी जिले के अड़की प्रखंड में दर्ज की गई। सिमडेगा और चाईबासा के कई हिस्सों में भी अच्छी बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य के चार जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा को छोड़ कर शेष सभी जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
पटना में बारिश
पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजधानी पटना सहित अन्य शहरों में मौसम में उतार चढ़ाव का सिलसिला जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के मुताबिक, अगले 3 दिनों तक बिहार में झमाझम बारिश का क्रम जारी रहेगा।।बिहार के चार जिलों में सोमवार से ही बारिश जारी है।
मौसम में बदलाव की है ये वजह
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, एक ट्रफ रेखा समुद्र तल से औसतन 0.9 किलोमीटर ऊपर झारखंड से ओडिशा होकर उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश तक गुजर रही है। इसके अलावा, एक चक्रवातीय परिसंरक्षण समुद्र तल से औसत 3.8 किलोमीटर ऊपर पश्चिमी उत्तर प्रदेश और आसपास में स्थित है। एक अन्य चक्रवातीय परिसंचरण पूर्वी असम और उसके आसपास समुद्र तल से औसत 1.5 किलोमीटर ऊपर अवस्थित है।
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