जमशेदपुर : टाटा स्टील फाउंडेशन की पहल TATA Steel Johar Haat का मई-2024 संस्करण मंगलवार को कदमा स्थित प्रकृति विहार में शुरू हो गया। जोहार हाट का यह संस्करण ‘हस्तशिल्प घास का मैदान’ थीम पर आधारित है, जो कारीगरों की शिल्पकला को प्रदर्शित करनेवाला वाला एक जीवंत बाज़ार है। हरियाली के बीच बसा यह बाज़ार जटिल बेंत की शिल्पकला से लेकर सूखे फूलों से निर्मित घरेलू सजावटी सामान तक, हस्तनिर्मित खजानों की एक विविध श्रृंखला पेश करता है। आगंतुक स्थानीय कारीगरों की रचनात्मकता से मंत्रमुग्ध हो सकते हैं, अनूठी कलाकृतियों को देख सकते हैं जो परंपरा और नवाचार की कहानियां बयां करते हैं।
चाहे उपहारों की तलाश हो या खरीददारी का आनंद लेना हो, यह संस्करण सभी को एक सुरम्य सेटिंग में हस्तनिर्मित कलात्मकता की सुंदरता का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करता है। इस संस्करण में दो राज्यों-झारखंड और मेघालय की भागीदारी है, जो 7 जनजातियों-खरवार, काशी, हो, जैंतिया, भूमिज, मुंडा और संथाल का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसमें कुल 21 प्रतिभागी शामिल हैं।
इस संस्करण के दौरान बेंत शिल्प बनाने पर कार्यशाला भी लगेगी, जिसमें जूट शिल्प पर आधारित की-चेन बनाने का एक सत्र है। इस महीने ऐसे आदिवासी व्यंजन भी परोसे जाएंगे, जो गर्मी को मात देने में मदद करेंगे।
TATA Steel Johar Haat: स्टॉल, जनजाति व उत्पाद
– प्रगति उद्योग महिला समिति, भूमिज, झारखंड : लकड़ी के शिल्प और जनजातीय चित्रकारी
– शिलांग ड्राई फ्लावर्स, काशी, मेघालय : सूखे फूल
– तिरला गावता आजीविका सखी मंडल, संथाल, झारखंड : जूट शिल्प
– सुनीता क्रिएशन, हो, झारखंड : रेसिन और बीड्स के आभूषण
– ट्राइबल वेन्यू, मुंडा, झारखंड : जंगल में उगाए गए जैविक उत्पाद
– बामन हेंडीक्राफ्ट, जयंतिया, मेघालय : बेंत और बांस से बने शिल्प
– सगुन महिला समिति, संथाल, झारखंड : झारखंड के व्यंजन
– नेशनल ट्राइबल ट्रेडिशनल हीलर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया, संथाल एवं खरवार, झारखंड : आदिवासी चिकित्सक
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