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सूर्य मंदिर समिति पर सरकारी भूखंडों पर कब्जा करने का आरोप, उपायुक्त से मिले भाजमो नेता 

by Rakesh Pandey
Surya Mandir Committee :
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जमशेदपुर : Surya Mandir Committee :  भारतीय जनतंत्र मोर्चा, जमशेदपुर महानगर का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को उपायुक्त से मिलने गया, जिसमें उन्होंने सूर्य मंदिर समिति पर सरकारी भूखंडों पर कब्जा करने का आरोप लगाया।
जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव की अगुवाई में अपर उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर सूर्य मंदिर समिति सिदगोड़ा द्वारा सरकारी भूखंडों पर सरकारी धन से निर्मित परिसंपतियों पर अवैध कब्जा करने और इनका व्यवसायिक उपयोग करने के खिलाफ ज्ञापन सौंपकर कारवाई की मांग की। ज्ञापन में बताया कि सोन मंडप के बगल में बने सूर्य मंदिर एवं अन्य मंदिरों की प्रबंधन समिति ने विगत कई वर्षों से सरकारी जमीन पर सरकारी निधि से निर्मित एवं विकसित परिसंपतियों पर अवैध कब्जा कर रखा है और इसका व्यवसायिक उपयोग कर रहा है। धर्म के नाम पर धंधा करने की इस क्रियाकलाप पर प्रशासन की ओर से अंकुश लगना चाहिए।
भाजमो के प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त के नाम सौंपे ज्ञापन में बिंदुवार अपने आरोपों को विस्तार से बताया है।

Surya Mandir Committee : सरकारी निधि का हुआ दुरुपयोग

 सूर्य मंदिर और इसके परिसर में बने अन्य मंदिरों के निर्माण में विधायक निधि एवं अन्य सरकारी निधियों का दुरूपयोग हुआ है। जिला प्रशासन के सात सदस्यीय जांच दल के प्रतिवेदन में यह साबित हो गया है। प्रतिवेदन की प्रति आपके कार्यालय में उपलब्ध है।

तत्कालीन राज्यसभा सदस्य की निधि से बनी बाउंड्री

सूर्य मंदिर के मुख्य संरक्षक, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास जब 2019 में विधानसभा चुनाव हार गए, तो उन्होंने तत्कालीन राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार की विकास निधि से करीब 15 लाख रुपये सूर्य मंदिर परिसर की बाउंड्री करने के लिए स्वीकृत कराया और इस निधि से सूर्य मंदिर एवं अन्य मंदिरों की बाउंड्री बनाई गई।
बाउंड्री बनाने की एजेंसी के रूप में पूर्वी सिंहभूम जिला परिषद का चयन हुआ था। इसके बाद मंदिर परिसर के बाहर की सरकारी जमीन मंदिर परिसर से अलग हो गइ। हाल ही में सूर्य मंदिर समिति के सदस्यों ने सरकारी निधि से जिला परिषद द्वारा बनाई गई यह बाउंड्री धवस्त कर दी, जिसके विरूद्ध जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जे.एन.ए.सी.) ने सिदगोडा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बाउंड्री तोड़ने के पीछे इनकी साजिश है कि बाउंड्री के बाहर करीब तीन एकड़ में फैले सरकारी भूखंडों और इन पर सृजित परिसंपतियों पर अवैध कब्जा कर लिया जाए।

चिल्ड्रेन पार्क का ढांचा कर दिया गया ध्वस्त

 इन परिसंपतियों में एक चिल्ड्रेन पार्क पहले से पर्यटन विभाग की निधि से बना हुआ है, जिसे विभागीय सचिव द्वारा जेएनएसी को सौंप दिया गया है। कोरोना काल में एक दिन सूर्य मंदिर समिति के सदस्यों ने चिल्ड्रेन पार्क का ढांचा तोड़ दिया और  अन्यत्र ले जाने लगे। स्थानीय लोगों के विरोध के कारण उन्हें इस ढांचा को बगल के मैदान में रखना पड़ा।
इस मामले में जिला पर्यटन पदाधिकारी ने दोषियों के विरूद्ध सिदगोड़ा थाना में एफआईआर दर्ज किया। चिल्ड्रेन पार्क की बिखरी संरचना को जोड़कर पुनः उस स्थान पर चिल्ड्रेन पार्क स्थापित किया गया और विधायक सरयू राय की विधायक निधि से पार्क में कतिपय अन्य उपकरण लगाए गए।
चिल्ड्रेन पार्क फिर से चलने लगा तो सूर्य मंदिर समिति के सदस्यों ने पहले की तरह इसमें प्रवेश के लिए 5 रुपये प्रति व्यक्ति का टिकट निर्धारित कर दिया और पार्क में प्रवेश करने वालों से अवैध वसूली करने लगे। उन्होंने जो टिकट खरीदेगा उसी का प्रवेश चिल्ड्रेन पार्क में होगा, का नियम बना दिया। स्थानीय विधायक सरयू राय के प्रयास से करीब साल डेढ़ साल बाद जब अनुमंडल पदाधिकारी ने कड़ी लिखित चेतावनी जारी किया तब जाकर चिल्ड्रेन पार्क की अवैध वसूली बंद हुई। इसी तरह का पाँच रूपया का टिकट ये लोग सरकारी निधि से बनाए गए शंख मैदान पार्क में प्रवेश के लिए भी करते थे, जिसे बंद कराया गया।

Surya Mandir Committee : मंदिर परिसर के दो भवनों पर अब भी कब्जा

मंदिर परिसर की दाहिनी ओर विधायक निधि एवं जिला योजना की निधि से बनी एक मंजिला और दो मंजिला इमारतों पर भी सूर्य मंदिर समिति ने कब्जा कायम कर रखा है और इसका व्यवसायिक उपयोग कर रहे हैं।

Surya Mandir Committee :सोन मंडप व यात्री निवास को दिखा असंचालित

उल्लेखनीय है कि सोन मंडप और यात्री निवास को भी सूर्य मंदिर समिति के सदस्यों ने अपने कब्जे में ले लिया था, तब रघुवर दास की सरकार थी। पर्यटन विभाग से इन्होंने घोषित करा दिया कि ये संरचनाएं असंचालित हैं। कारण कि टेंडर निकले तो इन्हें लेने के लिए कोई नहीं आए। दूसरी ओर ये संरचनाएं पूर्णतः संचालित थीं और सूर्य मंदिर समिति के कतिपय सदस्य इनसे होने वाला लाभ एक निजी बैंक खाता खोलकर उसमें जमा करते थे।
कोरोना के समय यह जानकारी मिली और स्थानीय विधायक सरयू राय ने इन सरकारी परिसंपतियों को अपने हाथ में लेकर संचालित करने के लिए जेएनएसी को कहा। जेएनएसी ने इन्हें अपने कब्जा में लिया तो कई वर्षों से इनका संचालन कर रहे व्यक्तियों द्वारा खोले गए निजी बैंक खाता से करीब 15 लाख रुपये की राशि जेएनएसी को वापस हुए।
इतना ही नहीं नियंत्रक-महालेखा परीक्षक ने इन परिसंपतियों का अंकेक्षण किया तो पर्यटन विभाग द्वारा बताया गया कि निविदा के विरूद्ध कोई भी व्यक्ति या संस्था इनका संचालन करने के लिए आगे नहीं आया तो सोन मंडप और यात्री निवास असंचालित रह गया। अंकेक्षण दल ने जब इनका भौतिक सत्यापन स्थल पर जाकर किया तो पता चला कि ये परिसंपतियां पूर्णतः संचालित हैं और इनका व्यवसायिक उपयोग हो रहा है।

Surya Mandir Committee : विधानसभा में कई बार उठाया मुद्दा

स्थानीय विधायक सरयू राय ने इस संबंध में एक से अधिक प्रश्न और ध्यानाकर्षण सूचना विधानसभा में दिया तो इनके उत्तर में सरकार द्वारा बताया गया कि यह भूखंड सरकारी है और इस पर जो भी संरचनाएं बनी हैं, वे सरकारी निधि से बनाई गई हैं। इनके व्यवसायिक उपयोग के लिए की जा रही वसूली अवैध है और इन्हें बंद कराया जाएगा।
वर्ष 2018 में राज्य सरकार की सोलर नीति के अनुरूप सोन मंडप, यात्री निवास और टाउन हॉल के भवनों पर सौर ऊर्जा संयत्र स्थापित किया गया, जिससे 42 किलोवाट विद्युत उत्पादन होता था, इस उत्पादन का उपयोग नीति के अनुसार संबंधित भवनों में न होकर सूर्य मंदिर एवं अन्य मंदिरों में किया जा रहा था।
दूसरी ओर सोन मंडप, यात्री निवास और टाउन हॉल पर लाखों रुपये का बिजली बिल का बकाया हो गया, जिसके कारण टाटा स्टील यूआईएसएल (पूर्ववर्ती जुस्को) द्वारा टाउन हॉल की बिजली काट दी गई, आज भी वही स्थिति है। स्थिति यह है कि जो लोग टाउन हॉल की बुकिंग कराते हैं, उन्हें अपने पैसे से जेनरेटर के लिए डीजल खरीद कर देना पड़ता है।
पूर्वी सिंहभूम के तत्कालीन उपायुक्त ने सरकारी भूखंडों और इन पर बनी संपतियों को जेएनएसी को हस्तगत करने का निर्देश दिया तो जेएनएसी ने इन्हें हस्तगत भी कर लिया, परंतु इन पर वास्तविक कब्जा जेएनएसी का नहीं, बल्कि सूर्य मंदिर समिति के लोगों का है। संबंधित कागजात जिला समाहरणालय में उपलब्ध है।

Surya Mandir Committee :जिला प्रशासन ने आज तक नहीं उपलब्ध कराया पुलिस बल

जब तत्कालीन राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार की विकास निधि से सूर्य मंदिर परिसर की बाउंड्री हो गई और मंदिर परिसर सरकारी भूखंड से अलग हो गया तो विधायक सरयू राय ने सरकारी भूखंड को विकसित करने, इनका सौंदर्यीकरण करने की कई योजनाएं अपने विधायक निधि से अनुशंसित की, जिसकी स्वीकृति नियमानुसार अन्य प्रक्रियानुसार हो गईं।
जेएनएसी को इसके लिए कार्यकारी एजेंसी नामित किया गया। निधि विमुक्त होकर जेएनएसी के खाते में भी आ गई, परंतु शंख मैदान के सौंदर्यीकरण, इसके सामने बने दो तालाबों का उपयोग बच्चों के जल क्रीड़ा मनोरंजन के लिए करने तथा भूखंडों को विकसित करने का काम सूर्य मंदिर समिति द्वारा जबरन रोक दिया जा रहा है। यह सिलसिला पिछले आठ महीनों से चल रहा है।
इसके बारे में जेएनएसी ने सिदगोड़ा थाना में एक एफआईआर भी दर्ज कराया है तथा प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी और कहा कि विधायक निधि से स्वीकृत योजनाओं के क्रियान्वयन में सूर्य मंदिर समिति के लोग बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, इसलिए प्रशासन इनके क्रियान्वयन के लिए पुलिस बल उपलब्ध कराए। परंतु आज तक प्रशासन द्वारा पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया, जिसके कारण ये योजनाएं लंबित हैं।
Surya Mandir Committee : जिला प्रशासन से कठोर कार्रवाई का आग्रह
आप सहमत होंगे कि नियम-कानून के प्रावधानों को लागू करने और इसमें बाधा उत्पन्न करनेवालों के विरूद्ध कार्रवाई करना प्रशासन के अधिकार क्षेत्र में है। अतः आपसे अनुरोध है कि विधायक निधि से स्वीकृत योजनाओं को शीघ्र क्रियान्वित करने के लिए विधि-सम्मत कार्रवाई करना चाहेंगे, सरकारी भूखंडों और सरकारी निधियों से निर्मित संरचनाओं को सूर्य मंदिर समिति के कब्जा से मुक्त कराना चाहेंगे, सांसद निधि से निर्मित सूर्य मंदिर परिसर की बाउंड्री को पुनः निर्मित कराना चाहेंगे और इसे ध्वस्त करने वालों पर कठोर कार्रवाई करना चाहेंगे।

Surya Mandir Committee : इनकी रही उपस्थिति

ज्ञापन सौंपने के दौरान भाजमो के जिला महामंत्री कुलविंदर सिंह पन्नु, चंद्रशेखर राव, राजेश कुमार, दिनेश्वर कुमार, प्रकाश कोया, हरेराम सिंह, मंजू सिंह, अमित शर्मा, आकाश शाह, राघवेंद्र प्रताप सिंह( झुन्ना), काकोली मुखर्जी, पुतुल सिंह, विजय नारायण सिंह, विनोद राय, असीम पाठक, मनकेश्वर चौबे, एसएन मिश्रा, सत्येंद्र सिंह, दिलीप प्रजापति, प्रेम रंजन घोष सहित अन्य उपस्थित थे।

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