कोलकाता : पश्चिम बंगाल का पंचायत चुनाव इस बार भी हिंसक रहा है। शनिवार को हुए इस चुनाव में सात जिलों में 16 लोगों की हत्या हुई। 8 जून से हुए चुनाव के ऐलान से अब तक कुल 35 लोग मारे गए हैं। वोटिंग के दौरान सबसे अधिक 13 मौतें मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, उत्तरी दिनाजपुर और मालदा में हुईं।
ये सभी मुस्लिम बहुल जिले हैं। सबसे ज्यादा पांच मौतें मुर्शिदाबाद में हुईं। इसके बाद उत्तरी दिनाजपुर में चार , कूचबिहार में तीन और मालदा में एक की हत्या हुई। इसके अलावा नादिया, पूर्वी वर्धमान और साउथ 24 परगना में एक-एक व्यक्ति की हत्या वोटिंग के दौरान हुई। इसके अलावा सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। जिनका इलाज अलग-अस्पतालों में चल रहा है।
BSF के DIG का आरोप सेंसिटव बूथ की नहीं दी गयी जानकारी :
इस हिंसा पर BSF के DIG ने रविवार को बताया कि बार-बार जानकारी मांगने के बाद भी उन्हें राज्य के सेंसिटिव बूथ की जानकारी नहीं दी गई थी। अगर उन्हें जानकारी मिलती तो वहां केंद्रीय बल तैनात किया जाता। विदित हो कि शुक्रवार रात से शनिवार के बीच चुनावी हिंसा में छह जिलों में 16 लोग मारे गए। मरने वालों में आठ TMC कार्यकर्ता, तीन CPI(M) कार्यकर्ता, कांग्रेस-भाजपा और ISF के एक-एक कार्यकर्ता और एक निर्दलीय उम्मीदवार का पोलिंग एजेंट शामिल है।
गृहमंत्री ने हिंसा की घटनाओं पर राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा की घटनाओं पर गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय गृह सचिव ने बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि वह तत्काल रिपोर्ट सौंपें। वहीं अमित शाह ने उन्होंने BJP के प्रदेश अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार से भी बात की और पार्टी कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारी ली। वहीं, BSF ने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा है कि उन्हें संवेदनशील बूथों के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई थी।
TMC के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत से हुई हत्याएं : भाजपा
पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा पर विपक्ष के नेता और नंदीग्राम से भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, TMC के गुंडों और पुलिस की मिलीभगत से इतनी बड़ी हिंसा हुई है जिसमें इतने लोग मारे गए हैं। इसकी जांच CBI और NIA को जांच करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘यह चुनाव नहीं हो रहा था, वोटों की लूट हो रही थी और मौतें हो रही थीं। हिंसा और आगजनी हो रही थी। चुनाव में केंद्रिय सुरक्षा बलों को तैनात करने की बात कही गई थी। हिंसा के दौरान वे कहां थे? शुभेंदु ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि CCTV की निगरानी का दावा किया गया था लेकिन कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए थे।’
चुनाव में सबसे अधिक हमारे कार्यकर्ता मारे गए : टीएमसी
वहीं टीएमसी ने कहा कि इस चुनाव में सबसे अधिक उसके कार्यकर्ता मारे गए हैं। मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और कूचबिहार के तूफानगंज में दो पार्टी कार्यकर्ताओं, जबकि मालदा के मानिक चौक में TMC नेता के रिश्तेदार की हत्या कर दी गई थी। पार्टी की मानें तो अभी तक उनके कुल 8 कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं। इस चुनाव में केंद्रीय बल के तैनाती की बात कही गयी थी तो कहां थे केंद्रीय बल। TMC ने भाजपा व कांग्रेस पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है।
TMC लोगों की जान लेकर चुनाव जीतना चाहती है : ISF प्रमुख
ISF के एकमात्र विधायक नौशाद सिद्दीकी ने कहा कि मेरे विधानसभा में जिस दिन से नॉमिनेशन शुरू हुआ उसी दिन से TMC के लोगों ने आम जनता पर दबाव डालना शुरू कर दिया था। TMC के गुंडे बमबाजी कर रहे थे क्योंकि वे जानते हैं कि आम आदमी अधिक वोट डालेगा तो सरकार के खिलाफ वोट डालेगा, इसलिए वह ऐसा माहौल बना रहे थे कि लोग वोट ना डाल पाएं।
पंचायत चुनाव में हिंसा टीएमसी व भाजपा की देन : कांग्रेस
इस चुनाव में मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में कांग्रेस कार्यकर्ता यास्मीन एसके का मर्डर कर दिया गया है। ऐसे में पार्टी राज्य की सत्ता पर आसानी टीएमसी व केंद्र की सत्ता में बैठे भाजपा पर हमलावर है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि टीएमसी व भाजपा ने पश्चिम बंगाल को बर्बाद कर दिया है। दोनों पार्टियां लोगों की लाशें गिराकर चुनाव जीतना चाह रही हैं। यह हिंसा उसी का परिणाम हैं। जिसमें इतने लोग मारे गए।