सैन्य बलों की तकनीकी युद्य क्षमता, सुरक्षा व गतिशीलता के साथ बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए डीएसी ने हल्के बख्तरबंद बहुउद्श्यीय और एकीकृत एंव लक्ष्यीकरण प्रणाली की खरीद के लिए एओएन (आवश्यकता की स्वीकृति या खरीद की प्रारंभिक स्वीकृत) मंजूरी दी। इनमें हवा से सतह पर मार करने वाले कम दूरी के प्रक्षेपास्त्र ध्रुवास्त्र, 12 एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने कुल नौ खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी।
60-65 फीसदी स्वदेशी सामग्री का लक्ष्य
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, बैठक में रक्षामंत्री ने कहा कि सैन्य बलों के आधुनिकीकरण और खरीदी में कम से कम 60-65 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का लक्ष्य रखना चाहिए। इसके मद्देनजर ही यह तय हुआ कि जिन प्रस्तावों को आज मंजूरी दी गई है उन सबकी खरीद भारतीय विक्रेताओं से होगी। स्वदेशी रूप से डिजाइन विकसित और निर्मित श्रेणी के तहत यह खरीद ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को मजबूती देगा।
स्वदेशीकरण की दिशा में आगे बढ़ने का समय हैं
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अब स्वदेशीकरण की दिशा में और आगे बढ़ने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि आईडीडीएम प्रोजेक्ट्स के तहत 50 फीसदी घर पर बने सामानों की लिमिट को बढ़ाना जरूरी हो गया है और इसे 60 से 65 फीसदी करने की समय आ गया है उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सेना प्रमुखों, रक्षा सचिव और डीजी (अधिग्रहण) को भारतीय उद्योग के परामर्श से न्यूनतम स्वदेशी सामान की लिमिट बढ़ाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया है।
स्वदेशी निर्मित एएलएच एमके-चार हेलीकॉप्टरों के लिए एक शक्तिशाली स्वदेशी सटीक निर्देशित हथियार के रूप में ध्रुवास्त्र शॉर्ट रेंज एयर-टू-सरफेस मिसाइल की खरीद भी वायुसेना के लिए की जा रही है। इसके साथ ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड से रूस के सहयोग से निर्मित 12 सुखोई-30 एमकेआई विमानों की खरीद की जाएगी।
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