जमशेदपुर : जमशेदपुर का भ्रमण हर बार विशेष क्षण होता है। यह हम सभी के लिए भावनात्मक पल होता है, क्योंकि यह अवसर हमें हर बार उस उद्देश्य की याद दिलाता है, जिसके लिए यह (Tata) ग्रुप स्थापित हुआ था। जमशेदपुर आना हमारे लिए मंदिर का दर्शन करने जैसा है। यहां आकर मैं हमेशा भविष्य को तो देखता ही हूं, पुराने दिनों की याद भी आती है, जो मैंने यहां बिताए थे। ये बातें टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने रविवार को कहीं।
Tata Steel के संस्थापक दिवस पर बिष्टुपुर स्थित पोस्टल पार्क से शहरवासियों को संबोधित करते हुए चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा स्टील निरंतर आगे बढ़ने में विश्वास करती है। टाटा स्टील के पास सुनहरा भविष्य है। हम अभी भारत में 23 मिलियन टन उत्पादन कर रहे हैं, जिसे बहुत जल्द 30 मिलियन टन और अगले दस वर्ष में 40 मिलियन टन स्टील उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है।
इससे पूर्व चंद्रशेखरन ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं, जो इस देश और Tata Group का हिस्सा हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं, दुनिया इन दिनों जियो-पाॅलिटिकल मोमेंट्स से गुजर रही है। अमेरिका और चीन अपनी भूमिका बदल रहे हैं। भारत भी विश्व में अपनी पहचान बना रहा है। आज के दिन टेक्नोलाजी से कोई अछूता नहीं है। डिजिटल तकनीक के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
यह न केवल व्यवसाय पर गहरा असर डाल रहे हैं, बल्कि हमारी दिनचर्या को भी प्रभावित कर रहे हैं। इसी प्रकार ऊर्जा संरचण में भी काफी बदलाव हुआ है। शून्य कार्बन उत्सर्जन सबके लिए बड़ा लक्ष्य है।
इसके साथ-साथ Tata Group नए बिजनेस को लेकर सभी क्षेत्र में संभावनाएं तलाश रहा है, चाहे वह बैटरी का उत्पादन हो या सेमीकंडक्टर का। हम अपने लोगों को नए-नए उद्योगों के लिए प्रशिक्षित भी कर रहे हैं, जिससे वे अपनी क्षमता का विस्तार कर सकें। ऊर्जा संचरण के क्षेत्र में टाटा स्टील के पास महत्वपूर्ण चुनौती है।
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