Jamshedpur : जमशेदपुर में ट्रैफिक पुलिस के रवैये को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। पुलिस के बर्ताव पर उठ रहे सवाल थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल ही में सिदगोड़ा के बाद अब बिष्टुपुर से भी एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ट्रैफिक जवानों को एक युवक के साथ धक्का-मुक्की करते देखा जा सकता है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कई जवान मिल कर एक बाइक को ठेल कर ले जा रहे हैं। अब यह जांच के बाद ही सामने आएगा कि इस घटना का माजरा क्या है। बाइक सवार को के साथ बाइक को क्यों ठेल कर ले जाया जा रहा है।
वैसे, वीडियो वायरल होने के बाद जमशेदपुर में लोगों में आक्रोश है। कई कांग्रेसी नेताओं ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस के एक नेता राकेश साहू ने इस मामले को फेसबुक पर जोरशोर से उठाते हुए पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि जांच के बाद आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
यह वीडियो एक कार सवार ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर साझा किया है। वीडियो में साफ नजर आता है कि 3-4 ट्रैफिक जवान एक बाइक सवार को घेरते हैं और उससे जबरदस्ती करते हैं। वीडियो सामने आने के बाद आम जनता में आक्रोश है और लोग इसे ” मनमानी” करार दे रहे हैं।
लगातार बढ़ रही घटनाएं
रविवार को सिदगोड़ा इलाके से भी ऐसा ही एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक ट्रैफिक जवान एक युवक से बाइक की चाबी जबरन छीनता नजर आया था। उस मामले में संबंधित जवान पर कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन बिष्टुपुर की ताजा घटना ने फिर से ट्रैफिक विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
नए एसएसपी के आते ही बढ़ जाती हैं ऐसी घटनाएं
माना जा रहा है कि जब भी जमशेदपुर में नए एसएसपी की तैनाती होती है उसके बाद से ट्रैफिक पुलिस की मनमानी बढ़ जाती है। जब जमशेदपुर में प्रभात कुमार की एसएसपी के तौर पर तैनाती हुई थी तो ऐसी घटनाएं बढ़ने के बाद तत्कालीन एसएसपी प्रभात कुमार को आदेश जारी करना पड़ा था कि यातायात पुलिस स्कूल से बच्चों को लेकर घर जा रहे अभिभावकों खास कर महिलाओं को परेशान नहीं करे। पूर्व एसएसपी किशोर कौशल के कार्यकाल में तो इस तरह के मामले में तो मौत तक हो गई थी। टेल्को में एक चेकिंग के दौरान एक महिला घायल हो गई थी। बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इसके बाद तत्कालीन एसएसपी किशोर कौशल ने आदेश जारी कर दिया था तक ट्रैफिक चेकिंग वहीं होगी जहां सीसीटीवी कैमरे होंगे।
जनता में रोष, तंत्र पर सवाल
इन घटनाओं को लेकर आम नागरिकों ने गहरी नाराजगी जाहिर की है। लोगों का कहना है कि ट्रैफिक नियमों के नाम पर की जा रही ऐसी जोर-जबरदस्ती नागरिक अधिकारों का उल्लंघन है और इससे पुलिस की छवि धूमिल होती है। सोशल मीडिया पर लोग यह भी कह रहे हैं कि अगर ट्रैफिक सुधार की आड़ में अभद्रता और बल प्रयोग जारी रहा, तो जनता का भरोसा प्रशासन से उठ जाएगा।
अब तक नहीं आया कोई आधिकारिक बयान
बिष्टुपुर की घटना को लेकर अब तक पुलिस या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि वीडियो वायरल हो चुका है और यह सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा में है। नागरिकों को उम्मीद है कि मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी कर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी।