Home » 14 साल पहले भी ओडिशा में हादसे का शिकार हुई थी कोरोमंडल एक्सप्रेस

14 साल पहले भी ओडिशा में हादसे का शिकार हुई थी कोरोमंडल एक्सप्रेस

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

ओडिशा में शुक्रवार को तीन ट्रेनों की भीषण टक्कर में अब तक 238 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है। 900 से अधिक लोग घायल हो गए। आजादी के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा ट्रेन हादसा है। 1981 में बिहार में बागमती ट्रेन ब्रिज को पार करते हुए नदी में जा गिरी थी। इस हादसे में 750 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन शुक्रवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के साथ हुई दुर्घटना ने 14 साल पुरानी याद ताजा कर दी है।

16 यात्रियों की गई थी जान

2009 में 13 फरवरी तारीख थी। दिन शुक्रवार और समय करीब साढ़े सात का था। कोरोमंडल ओडिशा के जाजपुर रोड के पास हादसे का शिकार हुई थी। जिसमें 16 यात्रियों की जान गई थी, जबकि 161 लोग घायल हुए थे।

ट्रेन हावड़ा से चेन्नई के लिए जा रही थी, तभी जाजपुर रोड रेलवे स्टेशन के पास उसके 13 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। जिनमें 11 स्लीपर और दो सामान्य डिब्बे थे। यह हादसा 7:30 से 7:40 बजे के बीच हुआ था। तत्काल रेल मंत्री लालू प्रसाद ने जांच कराई तो सामने आया कि पटरी बदलते समय ट्रेन डिरेल हो गई थी। उस वक्त ट्रेन की स्पीड 115 किमी प्रति घंटे थी।

130 किमी/घंटा है टॉप स्पीड

कोरोमंडल एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12842) चेन्नई और शालीमार (हावड़ा में) के बीच 27 घंटे और पांच मिनट में 1,662 किमी की दूरी तय करती है। कोरोमंडल एक्सप्रेस की टॉप स्पीड 130 किमी/घंटा है।

ऐसे हुआ ट्रिपल ट्रेन हादसा

शुक्रवार को चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के पास पटरी से उतर गई और हावड़ा जाने वाली बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से टकरा गई। इसके बाद कोरोमंडल के पटरी से उतरे डिब्बे वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गए।

रात भर के बचाव अभियान के बाद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 238 तक पहुंच गई। मरने वालों की संख्या 300 तक पहुंच सकती है। स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने एक के बाद एक तेज आवाजें सुनीं और जब वे मौके पर पहुंचे तो चारों ओर सिर्फ क्षत-विक्षत डिब्बे और शव पड़े थे।

Related Articles