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Jharkhand teacher recruitment News : सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया पर संकट, 2742 अभ्यर्थियों की अनुशंसा वापस, JSSC रिजल्ट की होगी दोबारा जांच

by Anand Mishra
JSSC Assistant Teacher counseling
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Ranchi (Jharkhand) : झारखंड में सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया पर एक बड़ा संकट आ गया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने विज्ञान, गणित और भाषा विषयों के 2742 चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा को वापस ले लिया है। यह फैसला झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित परीक्षा के परिणामों पर उठे विवाद के बाद लिया गया है। इस कदम से हजारों अभ्यर्थियों का भविष्य एक बार फिर अधर में लटक गया है।

प्राथमिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार रंजन ने सभी जिलों के उपायुक्तों को एक पत्र भेजकर तत्काल प्रभाव से अनुशंसित सूची और संबंधित फोल्डर वापस लौटाने का निर्देश दिया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि आयोग को परिणामों की फिर से समीक्षा करनी है, जिसके कारण वर्तमान अनुशंसा को रद्द किया जा रहा है।

इन पदों पर पड़ा असर

इस नियुक्ति प्रक्रिया में विज्ञान और गणित के 1683 और भाषा विषय के 1059 उम्मीदवारों का चयन कर जिलों में भेजा गया था। कई जिलों में विज्ञान और गणित विषयों के लिए काउंसलिंग पूरी हो चुकी थी, जबकि भाषा विषयों के लिए काउंसलिंग जारी थी। अब इस पूरी प्रक्रिया को रोक दिया गया है।

क्यों हुआ ये विवाद?

दरअसल, परिणाम घोषित होने के बाद यह शिकायत सामने आई कि कई अभ्यर्थियों ने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JETET) में आरक्षण का लाभ लेकर परीक्षा पास की थी, लेकिन उन्हें सहायक आचार्य की नियुक्ति के समय अनारक्षित वर्ग में शामिल कर दिया गया। आरोप यह भी है कि इनमें से कुछ अभ्यर्थियों के अंक अनारक्षित वर्ग के न्यूनतम प्राप्तांक से भी कम थे, फिर भी उनका चयन कर लिया गया। इस गंभीर गड़बड़ी के कारण कई जिलों ने शिक्षा विभाग से स्पष्टीकरण मांगा, जिसके बाद विभाग ने यह सख्त कदम उठाया है।

शिक्षा विभाग के अनुसार, अब जेएसएससी को पूरी सूची की दोबारा जांच करनी होगी, खासकर उन मामलों की जहां आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को सामान्य श्रेणी में चयनित किया गया था। ऐसी संभावना है कि आयोग एक संशोधित परिणाम जारी करेगा। इसके अलावा, सामाजिक विज्ञान (3033 पद) और कक्षा 1 से 5 (4817 पद) के परिणाम भी घोषित हो चुके थे, लेकिन उनकी अनुशंसा अभी तक जिलों को नहीं भेजी गई थी। अब इन परिणामों में भी संशोधन की संभावना जताई जा रही है। झारखंड में 15,001 सहायक आचार्यों की नियुक्ति की यह प्रक्रिया लंबे समय से लंबित है। जिन अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग पूरी कर ली थी, वे अब अनिश्चितता की स्थिति में हैं। विभाग ने कहा है कि निष्पक्ष और पारदर्शी चयन सुनिश्चित होने के बाद ही प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

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