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JHARKHAND : International Day of Yoga : निरोग रहना है तो करें योग, प्रिया ने योग से सैकड़ों लोगों को बनाया स्वस्थ

by Rakesh Pandey
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जमशेदपुर: योग का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है. योग निश्चित रूप से सबको अधिक जिम्मेदार बनाता है, क्योंकि योग से आपके भीतर ऊर्जा एवं उत्साह का संचार होता है. साथ ही थकान और तनाव को दूर करने में मदद करता है. योग हमारे देश के प्राचीन विधाओं में से एक है. आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है.

 

योग के महत्व को देखते हुए 21 जून को पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जाता है. योग दिवस के आयोजन को लेकर पूरे देश भर तैयारी चल रही है. इसी क्रम में लौहनगरी की प्रिया भट्टाचार्य ने योग के माध्यम से लोगों को स्वस्थ करने का बिड़ा उठाया है. प्रिया भट्टाचार्य परसुडीह स्थित अपने आवास पर लोगों को नि:शुल्क रूप से योग सिखाती हैं. अबतक उन्होंने सैकड़ों लोगों का योग के जरिये उपचार कर चुकी हैं. उन्होंने इसके लिए 2020 में चैरिटी शुरू किया था.

द फोटोन न्यूज़ से बातचीत में प्रिया भट्टाचार्य ने बताया कि उन्होंने यह चैरिटी जरूरतमंद बच्चों के लिए फ्री ऑफ कॉस्ट योग शिक्षा देने के लिए शुरू किया है. उन्होंने बताया कि योग शिक्षा, योगासन, प्राणायाम ब्रीडिंग टेक्निक्स सिखाई जाती है. उन्होंने बताया कि वो स्वयं योग एजुकेटर के रूप में बच्चों को योग की शिक्षा देती हैं. उन्होंने बताया कि योग एक संधि है, बहुत ही सरल और पवित्र चीज है. उन्होंने बताया कि ब्रह्मांड का रहस्य योग है.

उन्होंने कहा कि योग को हर व्यक्ति को अपने जीवन में लाना चाहिए. शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग बहुत जरूरी है. बातचीत में उन्होंने बताया कि योग हमें जीवन का मार्गदर्शन करता है. स्लो ब्रीडिंग प्राणायाम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ब्रीडिंग प्राणायाम हर बीमारी के लिए रामबाण इलाज है.

इसके अलावा अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, ओमकार का उच्चारण वशिष्ठ प्राणायाम लाभकारी होता है. उन्होंने बताया कि फेफड़ों को मजबूत करने के लिए भुजंगासन, उष्ट्रासन, पेट के लिए नौकासन लाभकारी होता है. उन्होंने बताया कि सूर्य नमस्कार शरीर के सभी अंगो के लिए लाभकारी होता है.

5 वर्ष के आयु में जुड़ी योग से
प्रिया भट्टाचार्य ने बताया कि जब वो 5 साल की की थी तब से वो योग साधना में जुड़ी हुई हैं. शुरुआत में भक्ति योग और डांस से शुरुआत की. उन्होंने बताया कि योग के साथ डांस में 13 बार ईस्ट चैंपियन बनी. इससे पहले उन्हें झारखंड कल्चरल एसोसिएशन से योग साइंस का कोर्स करने के लिए ऑफर मिला.

उन्होंने कोर्स करने के बाद सोचा कि क्यों न इस विधा को जरूरमंदों को सिखाया जाये. आगे उन्होंने बताया कि 2016 में पेट से सबंधित गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो गयी थी, उस समय योग व डांस से बहुत दूर हो गयी थी. लेकिन उस समय हार नहीं मानी वो योग को गंभीरता से लेते हुए रिसर्च किया. योग से होने वाला लाभ को बारीकी से समझा और इसे आजमाया.

सही टेक्निक और धैर्य से योग प्राणायाम करने से जल्द ही परिणाम देखने को मिलने लगे. उन्होंने बताया कि स्वयं की शरीरिक समस्या को देखते हुए दूसरे के स्वास्थ्य लाभ के लिए उन्होंने चैरिटी की शुरुआत की. उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चें जो शारीरिक रूप से कमजोर है या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं उनके लिए योग चैरिटी बहुत लाभकारी साबित हो रहा है. उन्होंने बताया की बीते लगभग 3 वर्षों में लगभग तीन सौ से ज्यादा लोगों को योग का लाभ दिला चुकी हूं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके 20 बच्चें नियमित योग सीख रहे हैं.

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