नई दिल्ली: देश की पुरानी संसद में सोमवार को संसद की अंतिम कार्यवाही हुई। मंगलवार यानी 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में होगी। वहीं पुराने संसद भवन में आयोजित कार्यवाही के अंतिम दिन पीएम मोदी ने 50 मिनट तक स्पीच दिया।
पीएम ने अपने पूराने दिन को याद करने व चाय बेचने से पीएम बनने तक के सफर को याद किया। यही नहीं उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा- ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था।
यही वह सदन है जिसने जिसने 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10% आरक्षण भी इसी सदन ने दिया। ऐसे में इस संसद को कभी देश भुला नहीं सकता है। इसकी यादें हमेंशा रहेंगी।
विदित हो कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। जिसकी शुरुआत पुराने संसद भवन से हुई। जबकि समापन नए संसद भवन में 22 सितंबर को होगी।
पीएम के संबोधन का मुख्य अंश इस प्रकार है:
प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला बच्चा आज पीएम:
प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला बच्चा आज पीएम:
पीएम ने पहली बार संसद में प्रवेश करने की यादों को ताजा करते हुए कहा- पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने 2014 में प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करने के बाद ही मैंने इसके अंदर पैर रखा। मैं कल्पना नहीं कर सकता, लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत यही है कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा आज पार्लियामेंट बतौर पीएम उपस्थित है।
नेहरू जी के गुणगान में ताली कौन नहीं बजाएगा:
पीएम मोदी ने इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा- बहुत सी बातें ऐसी थी जो सदन में हर किसी की तालियों की हकदार थी। लेकिन शायद उसमें भी राजनीति आगे आ गई। नेहरू जी का गुणगान अगर इस सदन में होगा, तो कौन सदस्य होगा जो उस पर ताली नहीं बजाएगा। शास्त्री जी ने 65 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौसला इसी सदन से बढ़ाया था। वहीं इंदिरा गांधी ने इसी सदन से बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन का नेतृत्व किया। इसी संसद में अटल जी ने कहा कि पार्टियां आती जाती रहेंगी लेकिन यह देश रहना चाहिए इस देश का लोकतंत्र रहना चाहिए।
पुराना संसद भवन की यादें हमेंशा हमारें दिलों में रहेंगी:
पीएम मोदी ने संसद के नए भवन में जाने को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, “ये बहुत ही भावुक पल है। परिवार भी जब पुराना घर छोड़कर नया जाता है तो बहुत सारी यादें कुछ पल के लिए उसे झकझोर देती हैं। ये हम सब की सांझी विरासत है।” यहां की यादें हमेंशा हमारे दिलों में रहेंगी।
स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी:
विदित हो कि इस स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी। इस दौरान चार बिल पेश किए जाएंगे। उधर विपक्षी पार्टियों ने सरकार से सवाल-जवाब करने के लिए 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से 24 पार्टियां इस सेशन में हिस्सा लेंगी।
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पीएम ने यह भी कहा:
:: चंद्रयान 3 की सफलता से पूरा देश अभिभूत है और इसमें भारत के सामर्थ्य का नया रूप, जो विज्ञान, तकनीक से जुड़ा है। मैं सदन के माध्यम से देश के वैज्ञानिकों को कोटि कोटि बधाई देता हूं उनका अभिनंदन करता हूं।”
:: इस सदन में जी20 की सफलता को सर्वसम्मति से सराहा है, मैं इसके लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। जी20 की सफलता भारत की सफलता है, किसी व्यक्ति या दल की सफलता है।
:: पीएम ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर पर आतंकी हमला हुआ। यह हमारी जीवात्मा पर हमला था, ये देश कभी उसे भूल नहीं सकता। जिन्होंने सदस्यों को बचाने केलिए अपने सीने पर गोलियां झेलीं, आज मैं उनकों भी नमन करता हूं।